Sponsored Ad

दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण पर नितिन गडकरी का बड़ा बयान: "दिल्ली आने का मन नहीं करता"

नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में वायु प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ता जा रहा है, जिससे आम लोगों के साथ-साथ नेता और मंत्री भी प्रभावित हो रहे हैं। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने मंगलवार को एक कार्यक्रम में राजधानी दिल्ली की प्रदूषण स्थिति पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि उन्हें दिल्ली में आने का मन ही नहीं करता क्योंकि यहां का प्रदूषण उन्हें अक्सर बीमार कर देता है। 


"दिल्ली में मुझे संक्रमण हो जाता है"


नागपुर से सांसद और केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा, "दिल्ली एक ऐसा शहर है जहां मुझे रहना पसंद नहीं है। जब भी मैं यहां आता हूं, तो प्रदूषण के कारण संक्रमण हो जाता है। हर बार लगता है कि यहां नहीं आना चाहिए।" उनके इस बयान ने दिल्ली में प्रदूषण की गंभीरता पर एक बार फिर से ध्यान आकर्षित किया है।

प्रदूषण से निपटने के लिए गडकरी का सुझाव


गडकरी ने वायु प्रदूषण को कम करने के लिए एक महत्वपूर्ण सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि प्रदूषण कम करने का सबसे प्रभावी तरीका जीवाश्म ईंधन की खपत को कम करना है। उन्होंने कहा, "भारत हर साल 22 लाख करोड़ रुपये के जीवाश्म ईंधन का आयात करता है। यह न केवल हमारी अर्थव्यवस्था पर बोझ है, बल्कि पर्यावरण और पारिस्थितिकी के लिए भी एक बड़ी चुनौती है।"

वैकल्पिक ईंधन की वकालत


केंद्रीय मंत्री ने वैकल्पिक ईंधन को बढ़ावा देने की जरूरत पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि अगर भारत जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता कम कर वैकल्पिक ईंधन का इस्तेमाल बढ़ाता है, तो न केवल आर्थिक बचत होगी, बल्कि पर्यावरण को भी बेहतर किया जा सकेगा। गडकरी का मानना है कि वैकल्पिक ऊर्जा स्रोतों जैसे इलेक्ट्रिक व्हीकल्स, बायो-फ्यूल्स, और हाइड्रोजन फ्यूल का उपयोग प्रदूषण को कम करने में अहम भूमिका निभा सकता है।

दिल्ली में प्रदूषण की स्थिति गंभीर


गौरतलब है कि दिल्ली में हर साल सर्दियों के मौसम में वायु प्रदूषण का स्तर खतरनाक स्तर तक पहुंच जाता है। हाल के दिनों में एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) लगातार 'गंभीर' श्रेणी में बना हुआ है। इसके कारण सांस की बीमारियों से लेकर आंखों में जलन और फेफड़ों की समस्याएं बढ़ रही हैं।

सरकार के प्रयासों की जरूरत


नितिन गडकरी के बयान ने इस मुद्दे पर सरकार और आम जनता दोनों को गंभीरता से सोचने की जरूरत का अहसास कराया है। अब देखना यह है कि सरकार प्रदूषण नियंत्रण के लिए कौन से ठोस कदम उठाती है और क्या गडकरी के वैकल्पिक ईंधन के सुझावों को लागू किया जाएगा। 

Post a Comment

और नया पुराने

Sponsored

Sponsored